पीव पधारों रैं थांरी कामण जोवै बाट,

साजन पीवर पधारौ रै।

बादळ बिरखा आई, म्हारै अंग में आग लगाई,

सावण आयौ रै, पवन उडावै फाग,

साजन पीवर पधारौ रे।

आज आपरी ओळू आई, परणिया जद सूं प्रीत लगाई,

बात प्रीत री सपना अधूरा, आय पुरावौ रै पीव पधारौ रै थांरी कामण जोवै बाट,

साजन पीवर पधारौ रै।

रंग बरसावै रात सावण री, बाट जोऊं म्हैं आज आवण री,

मैंदी रचिया हाथ प्रेम सूं, म्हनै मिळ जावौ रै।

पीव पधारौ रै थारी कामण जोवै बाट, साजन पीवर पधारौ रै।

रात चांदणी पूनम वाळी, थां बिना लागै काळी,

मन री बातां केऊं सजनवा, कुण दै हूंकारौ रै।

पीव पधारौ रै थांरी परणी जावै बाट, साजन पीव पधारौ रै।

सब सखियां रा साजन आया, आज बळै म्हारी कोमल काया,

काजळियै री तीज भंवर सा आय मनावौ रै।

पीव पधारौ रै थांरी सजनी जोवै बाट, साजन घरां पधारौ रै।

कोई कामण उडावै काग साजन पीवर पधारौ रै।

स्रोत
  • पोथी : इन्दर नै ओळभौ ,
  • सिरजक : अमर सिंह राजपुरोहित ,
  • प्रकाशक : रुचिर प्रकाशन
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