आंई खिणां में है

काळजयी खिण

दीठ चाहीजै,

आंई

सबदां में है

परम सबद

परख चाहीजै,

आंई सुरां में है

अणहद

ओळख चाहीजै!

स्रोत
  • पोथी : जातरा अर पड़ाव ,
  • सिरजक : कन्हैयालाल सेठिया ,
  • संपादक : नंद भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी
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