मिनख नै मारण खातर

मिनख सोधै-

गाय

सूअर

कै माथै रा केस

धरती लाल हुयां पछै

पिछतावै मिनख

गिंडक दांई मरयै मिनखां नै देख

जापता करै

आगै सारू मिनख नीं मरै

मिनख नीं मरै इणी जापतै सारू

फेरूं मरै मिनख

वां मरयोड़ै मिनखां री मौत रै बदळै सारू

सरू हुवै अंतहीण जुद्ध

आगै-सूं-आगै चालतौ रैवै

जाणता थकां

नीं चालणौ चाईजै।

मिनख रै मन रै मांय बैठ्यै दरिंदे नै

कोई कोई ओळाव चाईजै?

स्रोत
  • पोथी : जातरा अर पड़ाव ,
  • सिरजक : सांवर दइया ,
  • संपादक : नंद भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी ,
  • संस्करण : प्रथम