पहली तन छूटयौं फैर मन छूट्यौ
जा जा रे नूगरा थ्हांसू मौह छूट्यौ
जदै थ्हांरी हो मर्जी म्हां सूं बतलावै
जदै थ्हांरी मर्जी सौतन सूं बतलावै
परेम करूं थ्हांसू जाणों हो कित्तरौ
देखो कदै म्हारौ बिश्वास ना लूटयौ
पहली तन छूटयौ फैर मन छूट्यौ
जा जा रे नूगरा थ्हांसू मौह छूटयौ
जाणूं आज थ्हानै बरो कौनी पडसी
काल चल ज्यासूं तो म्हांसूं ही लड़सी
इत्तरा करता खातिर भी जो ना भाऊं
भाग तो थ्हांरा ही लागे म्नैं तो फूट्यो
पहली तन छूट्यौ फैर मन छूटयौ
जा जा नूगरा थ्हांसूं मौह छूट्यों
कौई भी अस्यों काम नहीं थ्हैं करजौं
पुश्ता सरमावें, चैताऊं हूँ रही मैं बरजौ
आपणी बेटी थां सौ ही जदै वर चावै
आपणो बेटो थ्हांरा मारग नै अपनावै
सबनै जदै ही यौ मीनख जमारौ भावै
आदेख दुस्मन भी आपणौ माथौ कूटयौ
तन छूटयौ पर ,कदै न मन छूटयौ
आ आ रे सूगरा अबै न मौह छूटयौ