बोलै काळी कोयली

निज भासा अणमोल,

सगळै जगत में सराइजै

उणरो मिठो बोल।

अर सुवो बोलै हमेस

पराई भासा री कलाम,

जणै ही रैवै जीवन में

अेक मालक रो गुलाम।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : पवन कुमार राजपुरोहित ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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