लैरां लेता समदरिया री
याद दिवावे टीब्बा
बगत रा फैर लारै
मानखो अर परकरति ही नीं
पलट जावै
चिड़ी-चूकला रा भाग भी।
जदी तो केवै
बडेरा
नीं करणो मान
काचा कांच-सो
बिखर जावै
औ झूठो संसार।
लारै
रै जावै
ऊँसासा अर
टूक-टूक हुई
पपड़ेली भौम जिस्यो
खिंडेड़ो काळजो।