पसुवां रौ

गौबर—मूत भारै आदमी

बां रै हाथ कोनी

दिमाग कोनी

आदमी रौ

गू—मूत भारै आदमी

क्यूंकै-

हाथ अर दिमाग आळा

पसु मौकळा है अठै।

स्रोत
  • पोथी : आ बैठ बात करां ,
  • सिरजक : रामस्वरूप किसान ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : pratham
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