नर ना आँक नो पाटो,
बोले पादरु ने डेंडे राँटो।
दया ने बीज ताव्वा वारो,
सांति ने रोकहुँ अघा वारो,
धरती नै धधकती लाय मय धकेलवा वारो,
गऊँ भेगँ टाडी ने धनेरौं ने रकेलवा वारो।
कइये मोंडे माँगे ई वांटो। नर.।
ईज्जत ना काँगड़ा काडवा वारो,
द्रोपदी न सेतर फाडवा वारो,
फोडी ने फोडमण नी कीमत माँगवा वारो,
सोर ने साउकार नै हरकँ आँकवा वारो।
आइने पेटे पड्यो ई भाटो। नर.।
रोवाडी ने ही ही करवा वारो,
भूकै मारी ने पेट भरवा वारो,
खाएँ आँउडा ने नुकती ने तावडे तरवा वारो,
खाडामय धकेली ने मसकैरी करवा वारो
आका जगत् ने लागी रयो खाटो॥
नर, नर ना आँक नो फाटो
बोले पादरु ने हेंडे राँटो।