मुरधर देश महान म्हारली मुरधर देश महान।
जग जस जवर, खबर है, खासौ मान सम्मान।
मुरधर देश महान।
सान मुलक री अण राखी,
ज्ञान मुलक री अण राखी,
औ झुंझारु, जोगी दानी,
इतिहास आगलौ दे साखी,
डीघा पण डूंगर धोरां में,
जाडा पण झाड़ बांठ आछा,
औ सिवांड़ै सिरताण खड्यो-
बैर्या पग मेलावण पाछा।
बारूं ही मास मंडै मेळा,
ब्या-सादी तीज त्यूंहार घणां,
कांळा पाल्यौ हिम्मती करड़ो,
हुवै समौ तो कणां-कणां।
बुद्धी अर पराकम में ऊंचो,
ऊंडो साठी को पी पाणी,
औ देस दिसावर बौपारी,
धिन जामण जायो बिणयाणी
धरम और धती जातां,
और धम कुवेर दे कुरवाणी,
औ दानवीर बण करै दान,
है माया तो आणी जाणी।
जोग जुगती भगती जाणी,
साखी अर सब्द कथिवाणी,
औ पीर सिद्देसर औ’तारी,
न्याय कीयो छाण्यो पाणी।
दुख दरद काळजै राखणियो,
औ प्रेम सदा सरसावणियो,
औ पीड़ पराई रोवणियो (अर)
हरख घणो हरखावणियो।
औ दानो बाज्यौ दै दान,
अर ज्ञानि बाज्यो कथ्यो ज्ञान,
मूंड साटियो, मूंड सरै ही,
मिलियो मूंघो ‘मोहन’ मान।
मुरधर देस महान म्हारलौ मुरधर देश महान।