बेटे री तुतलाती जबान सुण

ब्होत राजी होई ही

आदै गाम बता दी ही

आज छोरो ‘माँ’ बोल्यो

कई दिनां ताई कह्यो

बेटा बोल मामो, दादो...।

आज बैठक में एकली बैठी रोवे ही

बेटो बेल्यो हो

‘माँ तू चुप रै।

स्रोत
  • पोथी : साहित्य बीकानेर ,
  • सिरजक : सुनील कुमार लोहमरोड़ ‘सोनू’ ,
  • संपादक : देवीलाल महिया ,
  • प्रकाशक : महाप्राण प्रकाशन, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम
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