आंख्यां खोली नांव धरयो
मायड़ थारै आंगणियै
मार पालथी दूध पीयो
मायड़ थारै आंगणियै
नान्हा नान्हा पगां चालती
भर किलकार्यां हेला घालती
भाग-भाग लूड़ियो पकड़ियो
मायड़ थारै आंगणियै
हंस-हंस फूल बिखेरया करती
पकड़ हाथ थारै कांधै चढती
रो-रो घर नैं ऊंधो कर लियो
मायड़ थारै आंगणियै
हाथां सूं थारै चूंटयो खाती
भर-भर धोबा धूड़ उडाती
पाणी में चांद पकड़ियो
मायड़ थारै आंगणियै