म्हारी मायड़ भोम
म्हारे हिवड़े री ज्योति।
चम-चम करता धोरा चिळकै
सूं-सूं करती बायर बाजै
रूपाळी धरती यूं चमकै
आभै में बिजळी
म्हारी मायड़ भोम...।
कूड़ा कूड़ प्रकास अठै नीं
दान-दया सूं बारे कोई नीं
धरम धजा री रखवाली कर
परहित उमग्योड़ी
म्हारी मायड़ भोम...।
मीरां री भक्ति री साखी
करमवती री याद है राखी
कुंभा री गौरव गाथा नैं
आ थरपण आळी
म्हारी मायड़ भोम...।
मेवाड़ी, मेवाती, बागड़ी
मारवाड़ी अर ढूंढाड़ी
एक हाथ री पांच आंगळ्यां
हरां रा मोती
म्हारी मायड़ भोम
म्हारे हिवड़े री ज्योति।