इन्नै-बिन्नै

खिंड्योड़ी

ठीकर्‌यां अणथाग

बडा-बडा माट

ढकण्यां

परसहीण नीं है।

माटी

ओसण-पकाई हो सी

दो-दो हाथां।

जळ भर

ढक्या होसी माट

हर घर में

किणी हाथां

सकोरो भर जळ सूं

मिटाई हो सी तिरस

आपरी अर बटाउ री

काळीबंगां रो थेड़

आज भी सांवट्यां है ओळ्यूं

छाती माथै लियां

अखूट ठीकर्‌यां

स्रोत
  • पोथी : आंख भर चितराम ,
  • सिरजक : ओम पुरोहित ‘काग ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण