जाणू
ठीक थारी ई भांत
गरम बातां रै छेड़
तमासौ बणियोड़ा मूंडा
छैरग्या है
ज्यू रा त्यू!
वांन नी दाय आयो
म्हारौ मारग!
म्हनै धेरण खातर
टुकड़ों में बिखरियोड़ा लोग
बाथां भरै
आप आप री पाळ मांय
हाका करै।
पसरियोडौ अंधारो,
जीवता नै मुडदां मांय
बदळतौ औ सैर!
म्हैं नकार दियौ
के आजकाल
जूण हथाळी मांय नी पळे
वीनै जीवणौ पड़े।
इणी खातर
खुद सूं तुटनै
दूजां सूं जुड़णौ
म्हनै सवावै नीं!
इत्तौ सोरौ नीं है
खंदकां पाटणौ
किणी रै जाळ में
फंसायोड़ी व्है ज्यू
छटपटावै थारी इंछा
अर म्हैं नीं चावूं
मुरझायोडौ फूल बरणनै
फूलदान मांय सजणौ!
थूं
यूं खिचीजतै इंदरधनख में
बिलमग्यौ
आभै रै आधींट
अधर झूल ज्यू लटकरणी
के सड़क रै मोड़ तांई
दोरौ-सोरौ पूग पसर जोवरण सू'
यूं पूरी नीं व्है जूण
के तौ पूरा राकस व्है जावौ
के पछै ढाल दौ खुद नै सांचे में
अकारथ व्है सिवाय इण रै
बीच में जीणौ!
थै अर वै
आ बात गांठ बांध लौ
के आभै रै पसराव री
सीवां तकात नापी जा सकै
-इण पार सू उण पार
फगत जरूरी है
अेक रफत अर इरादौ उणरे वास्तै!