म्हारै पांती रो तावड़ो दियो

छींयां, आंध्यां अर बायरो भेज्यो

तपत अर दाब नै भी घाल दिया झोळी में

पण मेह नै भूलगी मा

कोसांन कोस रो पेंडो हाथ लियां

म्हे म्होबी बेटा

मरू री मिरगतिरसणा में अळूझ्या हिरण होया

म्हारै पांती री छांटां कठै भूलग्या बापू।

स्रोत
  • पोथी : तीजो थार-सप्तक ,
  • सिरजक : पृथ्वी परिहार ,
  • संपादक : ओम पुरोहित 'कागद' ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
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