रोजीनां सुबै-सुबै

भारो’क सो कांबळियो ओढ़्यां

हाथ मांय टीफण लियां

धंवर सूं ढकी सड़क-सड़क

लारलै दिनां रो जोड़-घटाव करता

अेक ईज दिसा कानी बगै

म्हारै गांव रा टाबर।

चूनै रै साथै भूंदीजतो बाळपणो

बट्ठळां हेठै दबती बदमास्यां

ट्रकां मांय लदता अर मथता

धुवैं मांय उड़ता सुपना

बैठ्या देखां म्हे।

स्रोत
  • पोथी : साहित्य बीकानेर ,
  • सिरजक : कुमार श्याम ,
  • संपादक : देवीलाल महिया ,
  • प्रकाशक : महाप्राण प्रकाशन, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम
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