थे म्हनैं जित्ती गाळियां देवौला
जित्ता कूड़ा इल्जाम लगाऔला
जितरी गिराऔला
जितरी ठोकरां मारौला
जितरी बेआबरु करौला
कदी सगळां रै सामी तो कदी वांरै लारै
थे म्हनैं जितरी सताऔला
जितरा म्हारा हाथ मरोड़ौला
जितरौ ई म्हारै वजूद नै ललकारौला
थां म्हनैं म्हारै मन रै सागै जितरी तोड़ौला
म्हारी हिम्मत नै ललकारौला
म्हैं उतरी ई ताकत रै सागै
थानैं ललकारूंली
थांरै मांय हिम्मत है तो म्हनैं कीं केय र बताऔ
रोकौ म्हारौ मारग
थे ज्यादा सूं ज्यादा म्हारै सागै दरिंदगी करौला
म्हारी हाडकी-पासळी एक कर देऔला
म्हनैं बाळ देऔला
म्हनैं घर रै बारै कोणी जावण देऔला
बोलण कोनी देऔला
पण कद तांई?
जीभ है तो बोलूंला ई
पग है तो चालूंला ई
मगज है तो सोचूंला ई
म्हैं नीं रैई तो कोई बात कोनी
म्हारी कोई दूजी बैनड़
थांरै सामी आयर ऊभी हुय जावैला
किण-किण नै रोकौला
मारौला-कूटौला
बेआबरू करोला
पण कद तांई?
म्हैं अगन हूँ
म्हारै सूं पंगौ लियौ तो बळ जाऔला
बुझगी तो धुओं बण'र थांरी आंख्यां मांय घुस जाऊंला
थे आंख्यां मसळौला अर म्हैं मुळकती रेऊंला
जद थांरौ सगळौ गीरबौ माटी मांय रळ जावैला
अबार ई सोच ल्यो जे थोड़ी बोत अकल है तो
म्हैं दिन हूँ हरैक रात रै पछै निकळ आऊँली...