कागद रै खेतां मायं

आंकड़ां री फ़सलां देख’र

हिवड़ो उडार होर्‌यो है

कै मेरो देश

इक्कीसवीं सदी मायं

जार्‌यो है।

स्रोत
  • पोथी : बदळाव ,
  • सिरजक : दीनदयाल शर्मा ,
  • संपादक : सूर्यशंकर पारीक ,
  • प्रकाशक : सूर्य प्रकाशन मंदिर, बीकानेर