ओळूं आवै

म्हारै हिवड़ै रै आंगणै रमैं

तपतै तावड़ै

पीपळ री झुरणी झुरै

एक छोरौ

कुरां-डंडों खेलै

पेडै रै बिल सूं

तोतै रा बचिया काढ़ै

दिन ढळै

जो‘डै़ रै ताल में

साथीड़ां साथै

सरू हूवै गुल्ली-डंडौ

सांझ पड्ये

घरां बावड़ै

मां रै गोडै सा‘रै

दूध खीचड़ी सबड़कै

अर भळै

च्यानणी रात बरतीज्यै

छियां-तावड़ौ अर लुकमिचणी में

आधी रात पछै

बाप रै हेलौ सुण

गूदड़ां कानी भाजै

अर भाजतौ-भाजतौ

बाप बण ज्यावै।

अचाणचक सिसकारै सूं

सबद फुटै

कठै ल्याय पटक्यौ रै समै

ओळूं आवै

म्हारैं हिवड़ै रै आंगणै रमै।

स्रोत
  • पोथी : आ बैठ बात करां ,
  • सिरजक : रामस्वरूप किसान
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