म्हूं

दिन मांय

भाठा फोड़ूं

अर,

रात मांय तारा गिणूं

म्हनै

दिन री भूख

रात मांय सतावै,

पण—

पापी मौत

तौ रांत मांय आवै

दिन मांय आवै।

स्रोत
  • पोथी : मोती-मणिया ,
  • सिरजक : केसव ‘पथिक’ ,
  • संपादक : कृष्ण बिहारी सहल ,
  • प्रकाशक : चिन्मय प्रकाशन
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