मत जा साथी पंथ पुराणै

मत रण-तुरगां रा असवारां नैं मोटर अंजन में तांणै

जिण मारग परताप पधार्या, जिण हळ दुरगै काज संवार्या

उण जूनै मारग सूं साथी, पोंच पासी आज ठिकाणै

मत जा...

उण जुग धरती ही महाराणी, धाय नहीं घर री धणियाणी

तरवारां री धाक दब्योड़ी, धरण दाब ली राजघराणै

मत जा...

किण रो मुलक, कठै ही जनता, जन सूं बधक कुळां री ममता

मुगलां रा सांवत रण-बांका, कुळ पर कटग्या, जगती जाणै

मत जा...

आज मुलक आजाद एक है, कुळ सूं इधक मसीनमेक है

बरस-गांठ, जळ-बांध, बीजळी, गळां बंधै जद लोक उजाणै

मत जा...

पूज बडेरा सीस झुकाले, टेम मिलै वांरां जस गा लै

पण तूं क्यूं दिल्ली सूं लड़ रे, चढै कटक ले क्यूं उभराणै

मत जा...

च्यारूं देख मंड्या पग ताजा, हिल-मिल मिनख मजूरी राजा

हुनर हेत सूं बदळै जीवण, जीवै सो जूगत गत जाणै

मत जा...

उण जुग धरती ही महाराणी, धाय नहीं घर री धणियाणी

तरवारां री धाक दब्योड़ी, धरण दाब ली राजघराणै

मत जा...

किण रो मुलक, कठै ही जनता, जन सूं बधक कुळां री ममता

मुगलां रा सांवत रण-बांका, कुळ पर कटग्या, जगती जाणै

मत जा...

आज मुलक आजाद एक है, कुळ सूं इधक मसीनमेक है

बरस-गांठ, जळ-बांध, बीजळी, गळां बंधै जद लोक उजाणै

मत जा...

पूज बडेरा सीस झुकाले, टेम मिलै वांरां जस गा लै

पण तूं क्यूं दिल्ली सूं लड़ रे, चढै कटक ले क्यूं उभराणै

मत जा...

च्यारूं कूंटां चिलक घणी है, तनैं दबावण भींत बणी है

इण जुग रो अग्यान छिपावण, क्यूं जूना जूंझार बखाणै

मत जा...

आगै देख मंडया पग ताजा, हिल-मिल मिनख मजूरी राजा

हुनर हेत सूं बदळै जीवण, जीवै सो जूगत गत जाणै

मत जा...

उण जुग धरती ही महाराणी, धाय नहीं घर री धणियाणी

तरवारां री धाक दब्योड़ी, धरण दाब ली राजघराणै

मत जा...

किण रो मुलक, कठै ही जनता, जन सूं बधक कुळां री ममता

मुगलां रा सांवत रण-बांका, कुळ पर कटग्या, जगती जाणै

मत जा...

आज मुलक आजाद एक है, कुळ सूं इधक मसीनमेक है

बरस-गांठ, जळ-बांध, बीजळी, गळां बंधै जद लोक उजाणै

मत जा...

पूज बडेरा सीस झुकाले, टेम मिलै वांरां जस गा लै

पण तूं क्यूं दिल्ली सूं लड़ रे, चढै कटक ले क्यूं उभराणै

मत जा...

च्यारूं कूंटा चिलक घणी है, तनैं दबावण भींत बणी है

इण जुग रो अग्यान छिपावण, क्यूं जूना जूंढार बखाणै

मत जा...

आगै देख मंड्या पग ताजा, हिल-मिल मिनख मजूरी राजा

हुनर हेत सूं बदळै जीवण, जीवै सो जूगत गत जाणै

मत जा...

स्रोत
  • पोथी : राजस्थान के कवि ,
  • सिरजक : गणेशीलाल व्यास ‘उस्ताद’ ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर ,
  • संस्करण : तीसरा
जुड़्योड़ा विसै