सांझ सुहागण भरै हींगळू, रात करै मोत्यां सिणगार
रंग भरै सतरंगी सूरज, बैं धरती नैं निमण हजार।
बांसां के बन बंसी बाजै, निरत करै मरुधर माटी
वीरां की जस-पोथी बांचै, आडावळ हळदी घाटी
पदमण की पावन राख जठै, कण कण में पन्ना को है प्यार
रंग भरै सतरंगी सूरज, बैं धरती नैं निमण हजार।
मैवाड़ी राणा के बळ सूं, पीथळ राखी मूंछ मरोड़
बैरी छळ नैं धड़ चटादी, जोधपुरी जोधै राठौड़
प्रेम दीवाणी मीरा जोड़्यौ, सांवरिये संग साचौ तार
रंग भरै सतरंगी सूरज, बैं धरती नैं निमण हजार।
कैर बबूलां बुलबुल फुदकै, आमां कूकै कोयलड़ी
नील टांस रा दरसण रूड़ा, सूण जतावै सोनचिड़ी
बांवा देणा तीतर बोलै, ऊभी धणी हिरणां की डार
रंग भरै सतरंगी सूरज, बैं धरती नैं निमण हजार।
प्यार पयैयो मेघ बुलावै, गाजै अंबर नाचै मोर
सावणियै री तीज सुरंगी, सज धज नैं आवै गिणगोर
धनक चूंनड़ी ओढ़ पोमचौ गावै कांमण मंगळाचार
रंग भरै सतरंगी सूरज, बैं धरती नैं निमण हजार।
जगमग दीप दीवाळी जोवै दसरावै को न्यारौ रंग
जण-जण के मन भरै जवानी, फागण में जद बाजै चंग
घड़ी घड़ी का परब जठै है, दिन दिन का नितका त्यूंहार
रंग भरै सतरंगी सूरज, बैं धरती नैं निमण हजार।
सांझ सुहागण भरै हींगळू, रात करै मोत्यां सिणगार
रंग भरै सतरंगी सूरज, बैं दरती नैं निमण हजार।