मरुथळ री माटी लू माथै ई
मज कर सकै
अर गुमेज कर सकै
मिनख रै मिनखपणै माथै
रगत रै मोल माथै
आपरै मरजाद माथै
आये साल काळ सूं जूझै
काळ सूं बत्तौ
काळ रा जंजाळ सूं जूझै
जूझै वांसूं
जका काळ रा हेताळू है
अर हेताळू है काळ रौ पइसौ
मरुथळ!
कैवै अठै पांणी कोनीं
म्हैं कैवूं कैवणियां में दीठ कोनी
पाणी माटी में कोनी, मोट्यारां में है
कैवै अठै रेत है
रेत थांनै दीसै अै हेत रा समंदर है।