कुण बजावै

चैन री बंसी

कुण पूजै पीपळ

कुण जोतै हळ

अर करै बिरखा री उडीक

स्हैर कांनी

आंख्यां मींच भाजतो

हांफतो म्हारो गांव

कांई बावळो होयग्यो।

स्रोत
  • पोथी : मन रो सरणाटो ,
  • सिरजक : इरशाद अज़ीज़ ,
  • प्रकाशक : गायत्री प्रकाशन, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम
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