आवीजा

आवीजा

तू तो

मारी आकं में रमी रयो हैं।

मूतो जाणतो तो के

ते तं रंग्यू हिआंरियू है।

पण

तू तो

वाघ हाँड नै

मोटो खस टिमरुस है।

कारेक बेरुपो नै

कारेक गरु लागे

कारेक तो खास डाकू नै

कारेक मोटो एस.पी.

कारेक बाबो नै।

कारेक जोगी

आवीजा

आवीजा

भगवन

एक वकत तो मारी टापरिये

आवीजा।

स्रोत
  • पोथी : वागड़ अंचल री ,
  • सिरजक : ललित लहरी ,
  • संपादक : ज्योतिपुंज ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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