म्हैं
मांचौ बणती बगत
सोचतो रैयो
किता लड़ा रौ धियान
राखणो पड़ै
जी उठावणों
लड़ दाबणों
पाछौ दाबणों पाछौ उठावणों
एक आदमी
आपरी आखी जूण बणतो रैवे
ग्रिस्थ रौ मांचौ!
अर आखी जूण
दाबतो रैवे लड़ स्यूं लड़।