आज भळै
जम’र होई बिरखा
पाणी रा बग्या बा’ळा
काळीबंगा री गळियां में
नीं आयो
भाज'र कोई टाबर
हाथां लियां
कागद री नाव
हवा ई ल्याई
अेक पान्नो
अखबार रो
थेड़ नै मिलग्यो
माणस रो परस।