मनक आज़े मोटाई मरी रियु है
पारकू ताज़ू देखी ने बरी रियु है।
बाप दादं नी वातें तो याद नथी
ज़ूना छैतरा परते आ तो ज़री रियु है।
कोय घोर मय आवे ई वैटातु नथी
व्हैम ने धनेरं'ए आ तो हरी रियु है।
काम कोय पादरू ई करतु नथी
बस ऊंदं हामं ई तो करी रियु है।
अली मली ने रेवातु आने नथी
झगडं ना कांदोळ मय गरी रियु है।
चालू तो एटलु थई ग्यु है 'गिरि'
पारके तैलं भजियं तरी रियु है।