मां बणी

म्हैं जणी

सिस्टी।

म्हैं राखी

छाती चेप।

थे तौ हा

जलमण रा आड़ी

छिण अेक रा।

स्रोत
  • पोथी : जातरा अर पड़ाव ,
  • सिरजक : सन्तोष मायामोहन ,
  • संपादक : नंद भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी ,
  • संस्करण : प्रथम