मा कदैई नीं गैई स्कूल
अर नीं मांड्यो पाटी पर
बरतै सूं कदैई 'क'
नीं सीखी गिणती
तो नीं पढ्या पहाड़ा...
पण मा राखै
आखै परिवार रै
टाबरां री उमर रो लेखो-जोखो!
बता सकै
घर में पळता
डांगरां-ढांडां रो
ल्होड़-बडेपो!
म्हांरी उमर बतावता थकां
मा जोड़ लेवै है
बां भैन-भायां री उमर
जका सुरगवास हुयग्या
अड़क मौत रै कारण...
मा जाणै
कुणसी बच्छी री नानी,
कुणसी गा ही
अर
कुणसी गा ब्याई है कितरा बेम
अर कुणसी मरगी ही
जापै में!
बा बच्छी हुयगी
कितरा बरस री
जकी नै पाळी ही
बोतलियै सूं प्या-प्या दूध...
मा
गारड़ू है गणित री
पण जोड़ करतां थकां
अमूमन पूंछती रेवै
ओढणियै रै पल्लै सूं आंख...
मा रै गणित में
आंसू
जरूरी फारमूलो है।