अंग ऊजळा मैला मन री, दैखी अठै री दीवाळी।
लौही लगता दीवा मुळकै, गांव अमावस है काळी।
मैंणत रौ कुण मौल करै, आज पसीनौ पौंणी में।
काढ काळजौ लूट लैजावै, करम पीलीजै घौणी में।
करम कैद है आज करौड़ौ, तिजौरी मौटा ताळौ में।
मानवता रौ मंत्र मिलावट, मिरच मसाला दाळौ में।
कूंपळ कुम्हली रूख रौया, मन मौजी है वनमाळी।
अंग ऊजळा मैला मन री, देखी अठै री दीवाळी।
बंगळौ रौ झिलमिल चमक चानण हलकादार हवैलियां।
सजियौड़ी सिणगार सुंदरियां, डिस्कौं डाँस रंग रेलिया।
पांणी म्हारे पड़ै पीपियां, अठै दारु भरिया दरियाव।
पैट पाटौ टाबर टूंपौ, गैरा घालियां म्हारै घाव।
गिदरा तकिया घूंद घूंद नै, राखी फाटी आ राली।
अंग ऊजळा मैला मन री, देखी अठै री दीवाळी।
टीवी टेपौ सौफा सैट अर, गीत रेडियौ गावै है।
दीन दुखी दरवाजा ऊपरै, रोटी टुकड़ौ नी पावै है।
खून पसीनौं खटमल पीगा, लाल टमाटर लाखीणा।
कादा पूरा कळीज गया, चाबण नै कौनी रया चणा।
ऊंन ऊगतौ काट लै, जावै, अंग ऊघाड़ी है छाळी।
अंग ऊजळा मैला मन री, दैखी अठै री दीवाळी।
भाँत भाँत रा बणिया भोजन, रैसम परदा लटके है।
बारै ऊभी बारणै माता, रौटी वासतै रटकै है।
बैल बॉटम लांबा लटिया, नाचै ज्यूं नामर्द है।
दिवाळी दिन हिवड़ै हौळी, दुखिया रै दिल दर्द है।
ऊंची बातां ऊंचा सपनां, गरीब वासते है गाळी।
अंग ऊजळा मैला मन री, दैखी अठै री दीवाळी।
रंग रंगीली रात रौसनी, और फटाका फूट रया।
पाँणती कैराँ मैं कूंकै, लाटौं रा गैहूँ लूट रया।
पौथी पडिया पानड़ौ में, मिनख मानवी मण्डियौड़ा।
मिण्डी माथै मिण्डी देनै, दूणा डोडा डण्डियौड़ा।
तिजौरी ताळा टूटै तो, निकळै तैड़िया अर बाळी।
अंग ऊजळा मैला मन री, दैखी अठै री दीवाळी।