आजै
केटलक वर पुटै
मु
मारै गाम
जई रयो हूं
मन मै
केटलाक विशार
के टेसण उतरी
पगे-पगे जाऊं हूं
इस वाका-वाका
उंसा नैसा रस्ता
नै जाणें नापी नै
बणावी होए एवी गड़ार
गाम गुयरै
साप नै गुवार
हांज पडै
जार हूदी
मनक नै मन नौ खार
ने धोरै दाडै कारणं मएं
पड़वा वारौ ठार
नै मटैगा
आ बदलाव
मनकं हारू हराप है
आ मनक ने मनक थकी
वेगरू करेगा
विताड़ेगा
ने मनकावतार वगाड़ेगा।