मा

कदी नीं गई

स्कूल

पण

पढल्यै

गीता, रामायण

हड़मान चाळीसा

अर

सगळै भगवानां री

आरत्यां!

मा

बतावै

कै बा

बरतन मांजती टैम

पढ-लिख लेंवती

सगळा आंक...

उण टैम

कुण पढावंतौ

छोरियां नै!

थाळी

हुंवती पाटी

अर

आंगळी बणती

बरतौ।

स्रोत
  • सिरजक : दीनदयाल शर्मा ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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