नवी बीनणी

घर में आंवतै बगत

पगथळी में

धान सूं भरयोड़ै

कुल्हाडिये रै

पग री ठोकर लगाई

खिंडेड़ै धान नै देख’र

लुगाईयां केवै ही

लिछमी आई है!

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक 6 ,
  • सिरजक : हरीश हैरी ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’
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