किस्मत रा फोड़ा

जे होवता

अमल रा डोडा

भाटा माथै तोड़

घोळता

पी जावता...

पण जे

किस्मत

अमल ईज

होवती

किण रै घर

मांडती मोखाण

किण रै घर

रोवती?

स्रोत
  • पोथी : जग रो लेखो ,
  • सिरजक : कुन्दल माली ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी