नेतो हाकतो रह्यौ लोकतंतर

मजूर हाकतो रह्यौ साइकिल

जितरी होळै हालती रही मजूर री साइकिल

उणसूं छैकी हालती रही नेता री कमाई

नेते पेरिया धोळा गाभा,

होतो रहयो धोळौ,

मजूर व्हैतो गयो धुमिळ,

पड़तौ ग्यो सिलकोसिस मांय

कुण है लोकतंत्र‌ रे केंदर‌ में,

नेतो या मजूर?

अर कुण जाण सकैला के

नेतो जाणै लोकतंतर

मजूर तो जाणै काम।

स्रोत
  • सिरजक : खेतदान ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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