कंघा रा दांतां में फस्योड़ा बाळ

रीस में दो‘रा होय’र बोल्या-

‘‘रे खोड़ला! भायां सूं बिछड़ा’र

कस्या जलम रो बदळो काढ्यो?’’

कंघो दांत निपोरतो बोल्यो-

“भाया थां म्हां सूं क्यूं गूंथमगूंथा होवो

म्हैं तो थांकी आपस री राड़ नै

मेटबा नै बीच में पड़्यो हो!

पण थे तो म्हां सूं उळझग्या

ईं रो म्हैं काईं करूं?”

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : कैलाश मंडेला