सत्त री साख

ईसर रौ औतार

परमातम रौ परतख रूप

करमां रौ कष्टीजियौड़ौ

करम रौ कारीगर

परभात रै पौर

दिशा फरागत सूं निपट'र

नेह री निजर सूं निरखै

नेहचै री नींद सूता बाळ गौपाळां नैं

टाबरियां रै अबोट ऊणियारा रा उजास सूं

उणरै हियै सैंचन्नण व्है जावै

उणरी मन री बैटरी चारज व्है जावै

जितरै जोड़ायत जतन कर

चाय री तजवीज करै

कोप रौ मीठौ संगीत सुंण

टाबरिया आधा निंदाळका व्हियौड़ा पसवाड़ौ फेरै

वो बोरी बिछाय'र बैठ जावै

चाय री ऊडीक में

धणियांणी छिबलिया में

रात री ठण्डी रोटियां राखियोड़ी व्हेवै

वै काढ झेलाय देवै

चाय रा प्याला पकड़ावै

अर कैवै

ऊठौ बेटा चाय बणगी

टाबरिया आंखियां मसळता पैसाब कर'र आवै

आय'र बापू रै गौडा रौ स्हारौ लेय गुड़क जावै

मां कैवै चाय ठरै

नींद पूरी कोनीं व्ही?

पूरी रात सूता तोई

हड़बड़ीज'र ऊठै ठण्डी रोटियां री बीड़ौ बणाय

अरोगै आराम सूं सब जणा

पांच तारा होटल रा आनंद रै ऊनमान

जीमता हरख ऊमाव सूं सैंपूरा

कलेवा रौ कौड रमण री मंसा करावै

वो करै आगली त्यारी

मन में सोय करै चौ'वटा री

धणियांणी तीन खण रा सट में

रोटियां कांदा बांटियोड़ी मिरचां री चटणी

एक गुळ री डळी जगा मुजब जमावै

सट नैं सट करतां बंद कर

पकड़ावै परमेसर नैं

अटूट आस में

विणरा विसवास में

साजन सिंझ्या रा कमाय'र घरै आसी

जद सौदौ घरै लासी

तद वा चुल्हौ चेतासी

टाबरिया इण ईज कौड सूं जीमसी

म्हारा घणकमाऊ नेह निजरां निरखसी

तद वांरौ सब दिन रौ थाकेलौ गळ जासी

टाबरियां रै माथै हाथ फेरण रै मिस

वांरै मन री खाली व्हियोड़ी बैटरी पाछी भरीज जासी

इण आशा रा अळूझाड़ में

हूँस बधावती निजर साथै

सांईना नैं सीख देवै

मन रा मिंदर में भगवान नैं धूप खैवै

हे म्हारा चूल्हा रा धुकणा रा धणी

म्हारा चूल्हा रा सराजाम सजाजै

म्हारा कमाऊ रै पसीना री कमाई दैजे

वो टाबरां नैं झाला देवतौ

साईकल नैं सिणगारै

सट री थेली सावचेती सूं हैंडल में घालै

वो टिप्पन लेय घर सूं

कमाई री अखी आश में आगे बधै

हाथ में कमडळ लियां

हेमाळा रा डिगंबर रूसी ज्यूं

परभात रै पौर गंगा सिनान सारू बधतौ व्है ज्यूं

रूसी रै गंगा सिनान ज्यूं

वो दिन भर तपता तावड़ा में

सूरज नारायण री साख में

पसीना रा सिनान करै

पाछौ रूसी री कुटिया ज्यूं

आपरी झूंपड़ी झेलै

रूसी रै आतम साख्यात रूप में

बाळकां रै मूंडा री अबोट मुळक रूप में

रोज परमेसर रौ परस करै

रूसी रै ज्यूं लटियां बिखरियोड़ी

भसम रै ज्यूं धूड़ धारण करियां

समाधी में लीन रूसी रै ज्यूं

स्रिस्टी नैं सुन्दर बणावा रा सपना देखतौ सोय जावै।

लाखौ लाख तारां रा अनंत गिगनार नैं ओढियां

संतोष रौ बिछावणौ करियां

रूसी रै ज्यूं सूरज ऊगां पैली ऊठै

धरती मां नैं परस कर प्रणाम करै

स्रोत
  • सिरजक : राजेन्द्र बारहठ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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