किणनै बूंझू? कुण समझावै?

जिकौ रात-दिन च्हैन दिखावै

कुण के है बौ?

कांई है'र कठै सूं आवै?

कुण प्रेरै, फुरकावै गावै?

मनड़ौ क्यां सारू उकसावै?

केठा क्यूं समझ में आवै?

कुण के है बौ?

पात झरै मन रूंख तणा क्यूं?

पाछा उलरै जण-कणा क्यूं?

पैलौ, प्राण बायरौ के है ?

हालै-चालै बौ कुण के है ?

क्यां सारू, के करै-करावै?

कुण के है बौ?

करणी के'र कठै सूं आयी?

कुण? वाणी नै क्यूं उचरायी?

कुण है जिको नैण री दीठी?

कुण उंगेर दी बातां मीठी?

उणनै कुण अरथा'र बतावै?

कुण के है बौ?

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : किशोर कल्पनाकांत ,
  • संपादक : गौतम अरोड़ा
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