आवैली मन में कदै पिलाण री

कुण जाणै हो पाडां-रै

आवैली मन में कदै उड़द री

कुण जाणै हो ऊंठां रै...॥

आवैली मन में कदै हौदे री

कुण जाणै हो घोड़ा-रै।

आवैली मन में कदै सींगां री

कुण जाणै हो गधीयां-रै...॥

आवैली मन में हाथी बणण री

कुण जाणै हो मूसां-रै...॥

आवैली मन में सिंघण बणण री

कुण जाणै हो मिनड़्यां-रै...॥

आवैली मन में गाय बणण री

कुण जाणै हो बकर्‌यां-रै।

आवैली मन में धाय बणण री

कुण जाणै हो झोट्यां-रे॥

आवैली मन में बाळद बणण री

कुण जाणै हो गोधां-रे।

आवैली मन में बिंणज करण री

कुण जाणै हो साधां-रै...॥

आवैली मन में हंस बणण री

कुण जाणै हो बुगलां-रै।

आवैली मन में कोयल बणण री

कुण जाणै हो कागां-रै...॥

आवैली मन में बाज बणण री

कुण जाणै हो चीलखां-रै।

आवैली मन में काळ बणण री

कुण जाणै हो बिछूआं-रै...॥

छींक घेटिया घणी करै बांनैं

कुण सुणबाळो खोड़ां-रै।

मांग-भीख अै भरसी भण्डारा

कुण जाणै हो धणियां-रै...॥

आवैली मन में कदै पिलाण...॥

स्रोत
  • पोथी : नँईं साँच नैं आँच ,
  • सिरजक : रामजीवण सारस्वत ‘जीवण’ ,
  • प्रकाशक : शिवंकर प्रकाशन