काया-
भाव-वोपार री दुकान!
बुद्धी-
बहसां रो मकान!
मिनखांजूण-
झूंठ रौ बखाण!
जगती-
कपट री ओळखाण!
बची किसी ठौड़-
जठै रैय सकै भगवान?