म्हैं

आपणां रै बीच हूं

भरोसो

इंसान नै

जीवत राखै

पण जद बो

परखणो चावै कै

आपाणां में

कुण है आपणो?

तद

बो चावै

उणी पल

आत्महत्या करलूं।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली ,
  • सिरजक : पुनीत कुमार रंगा ,
  • संपादक : श्याम महर्षि ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी साहित्य-संस्कृति पीठ
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