पगां री ब्यावां नीं

घणी तिरसी नै

साव सूख नै तिड़ाई नाडी री गळाई

आखौ डील फाटोड़ौ

लोही रा आंसुवां री गळाई

खाक मांयकर बैवतो

पिघळियोड़ौ गूंद रौ रेलौ

छाती माथलै

चिनियेक ठींडै मांय सूं

मकोड़ा आवै-जावै

खाली पेट रौ परमाण

वा थोथ

बरसां सूं

रिंदरोही मांय

अेक टांग माथै ऊभी अेकल तपै

तपसण खेजड़ी

अर अठा रौ मिनख

खेजड़ी री जूण जीवै।

स्रोत
  • पोथी : जातरा अर पड़ाव ,
  • सिरजक : श्यामसुंदर भारती ,
  • संपादक : नंद भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी ,
  • संस्करण : प्रथम