क्यूं गरजां करो
माथै चढाओ
माथै चढग्यो तो
उतारणो ओखो हुय जासी
म्हारी मानो तो
जावण द्यो
जठै जावै
घर सूं बारै
कठै ढोई है
कोई कुत्तो ई नीं पूछै
कठै जासी
पतियारो राखो
धक्का खाय नै
पाछो अठै ई आसी।