केटलौ किस्मत वारो है-तू-
ऊव्वे
हांसा हांस कऊं-तू-।
भन-भन करता-भमरा
जे बदलणा थका
मन नै
ने तन नै
मएं ऊंडौ जई नै
मे टौ मे टौ रो पियै
नै-खास खास
सिज़ै एटकी करी नै
मेडी मातै पुगवा हारू
पगतियँ
सड़ै है।
तो ए
अण धाप्यो
आमनौ तेमनौ फरी करवा नौ विशार
वना ऊबै रै
करतौ स रै
नवा-नवा रो नी तलाश
तू-त भूत बणी ने पसाड़ी पड़ै
ऊव्वै!
तुसतो है-कारा कट्ट मुड़ा नौ
जेनै हारू मथुरा नै वृन्दावन-नी-
गोपियै स्
हरक् नै रो नी खाण हैं
तारो हरक नै दांत काड़तौ रैवु-नै-
आमनो तेमनो रकड्वु स् त
प्रेम ना रो नो भर्यो कटोरौ है
जै उमरे-उमर नै
सालता-स् रेवा नौ
नदी ना रेला परतै वई नै
तारा
जूना नै जाणिता कारण नै
खास थकी आम में वाँटी रई है
ने/नें
आस कारणै
हरक ना सागर परमणै दरिया-नी-
भूक नै मटावतो र्यो हैं...।