जार नो जनम
लिदो आणी दुनिया में
तार नो एक नै बाद एक
करजो वदतो जाई र्यो है
कईक वैरे विशार आवे
के मैं हूं लई नै आइवो तो
नै हूँ लई नै जाउंगा
एटले उत्तर आपड़ै-आप
मली आवै
नै मारी हिम्मत बमणी
वदी जाय
हार-जीत, आँधी-तूफान
सब थकी
आत्म-विश्वास ना
शस्तर थकी
आखरी सांस हुदी
लड़तो रऊंगा
नै करजा ना
दुश्मन नै
मौत नै घाट उतारी आज नो अर्जुन
बणी नै
एक नवी महाभारत
नी रचना करूंगा
कैमके
थुड़ा करजा एवा हैं
के जै बार-बार
जनम लेवा बाद भी
नती सुकवी सकता
नै हमेशा
दुनिया एनी
करजदार
हमजती रै।