कांई होयो
क्यूं भेळा होया मनख
कुणनै कांई क्ही
कुणनै कांई करयो?
कांईबी नं होयो
बस एक पत्तो खरयो रूंख सूं
जे बोल्यो ऊ तो नं बच्यो
जे नं बोल्यो
ऊबी मरयो।