हाँकडा घोर मअें थामला घणा,
केवत अमें हामळी हती।
कळजुग नो ज़मारो आव्यौ,
कोय कैनू है नती।
वायरा पवन चाल्या अेवा
मानवी घोर मअें हपी ग्या।
काया नूं है सुख पैलू
वाते आजे समझी ग्या।
अवै, रकड़वा जौ नैकरे अेमतो
मारी गई अेनी मती।
कळजुग नो ज़मारो आव्यौ
कोय कैनू है नती।
ज़गा माथै मानवी नूं,
काम हेत्तु ओन्धू है।
वाते रूपाळी घणी करै नै
विज्यारै घणू भोण्डू है।
बाईये संगळी आजे पोते
ई मानीरई हैं सती
कळजुग नो ज़मारो आव्यौ,
कोय कैनू है नती।
आणा जुग मअें आव्या हो तौ
काम अेवू करी जौ
देस धरम ने जात हारू
अेक लाकड़े बळी जो।