कालजै री कोर समझ
हिये सू लगा'र
बातां करती
दो च्यार
अणपार।
कद मिलसी
हेत री हताई
जाजम जमाई
बातां सरसाई
कद मिलसी
म्यारी बातां रा सार
पन्ना रो बलिदान
प्रताप रो वार
मीरा रो प्रेम
तरवारां री धार
कद मिलसी
आबू री बातां
धोरा री रातां
उजली अर अपणायत
वाली
इतिहासा री गाथा
कद मिलसी
मारे जीभ नै बोल
शब्दां री जड़ी
भाषा अणमोल
हियै में हुलास
भरती अनजस देती
कद मिलसी
मारी मायड़
कद मिलसी।