काळ घणो कुलखार हे राम!
घर बैठ्या बेकार हे राम!
आंख्यां फाड़्यां आभो जोवां,
कोनी पड़ी फुहार हे राम!
मिनख-जिनावर भूखा-तिरसा,
नीं जीवण में सार हे राम!
और राध में छुरी चलावै,
रोग-दोस इण बार हे राम!
कोरोना रा बैरियंट बैरी,
कियां छुडावां लार हे राम!
मारण भारग और मोकळा,
बेमौता मत मार हे राम!